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Email Id : mpdiksharsk@gmail.com
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MP-SCERT की स्थापना विभिन्न राज्यों के समान प्रदेश में भी 1982 में स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत एक स्वतंत्र निकाय के रूप में की गई, MP-SCERT 2002 से राज्य शिक्षा केंद्र (समग्र शिक्षा) के अंतर्गत एक इकाई के रूप में कार्य कर रहा है यह स्कूल शिक्षा विभाग का अकादमिक अंग है, जो शासन की नीतियों और कार्यक्रमों को स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में लागू करता हैा निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आर. टी. ई. ) जिसे वर्ष 2009 में लागू किेंया गया।
शिक्षक व्यावसायिक उन्नयन कार्यक्रम अंतर्गत डिजिटल शिक्षक प्रशिक्षण में हमारा प्रदेश पूरे देश में अग्रणी प्रदेश के रूप में उभरा है। इसके अंतर्गत NISTHA कोर्स, मिशन अंकुर एवं अन्य कोर्स प्रशिक्षणों के द्वारा शिक्षकों का व्यावसायिक उन्नयन कर इनकी क्षमता में निरंतर वृद्धि को सुनिश्चित कर रहा है। NIPUN भारत के अंतर्गत प्रदेश में मिशन अंकुर नाम से एफ. एल. एन. की गतिविधियों को मूर्त रूप देन का प्रयास किया जा रहा हे,। ओलंपियाड में कक्षा २ से ८ के विद्यार्थी सम्म्िलित हुए। सत्र २०२३-२४ में दस लाख विद्यार्थी ने इसमें सहभागिता की। ओलम्पियाड में कक्षा २ के विद्यार्थी द्वारा भी ओ. एम. आर. शीट पर कुशलता के साथ उत्तर अंकित किए। इस प्रकार प्रदेश में कई नवोचारों के माध्यम से सक्रिय सहभागिता की हैा । इन सभी नवाचारों के परिणामस्वरूप, राज्य ने NAS 2021 में पूरे देश में 5 वां स्थान प्राप्त किया था।
प्रदेश में शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन हेतु संचालित सीएम राइज़ शिक्षक व्यावसायिक उन्नयन कार्यक्रम ने DIKSHA प्लेटफॉर्म का व्यापक रूप से उपयोग किया है और 69 डिजिटल कोर्सेस प्रारम्भ किए गए, इसके अंतर्गत NISHTHA के भी 30 कोर्स सम्मिलित किए गए है। इन कोर्सेस के माध्यम से राज्य के 52 जिलों में लगभग 3,00,000 शिक्षकों का व्यावसायिक उन्नयन किया गया। राज्य में शिक्षा पोर्टल के साथ दीक्षा के एकीकरण से मजबूत डेटा विश्लेषण को सक्षम किया है, जो विभिन्न डिजिटल कोर्स की पहुंच, इसे पूर्ण करने और उसके बाद सीखने के परिणामों में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
मध्यप्रदेश के सु-प्रशिक्षित और स्व प्रेरित शिक्षकों द्वारा प्रत्येक बच्चे को ज्ञान, कौशल, भारतीय संवैधानिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों और क्षमताओं से सशक्त बनाना। जिससे वे एकबहु-विषयक और अनुसंधान-उन्मुख पाठ्यक्रम के माध्यम से सक्रिय, दायित्ववान् और सहानुभूति रखने वाले नागरिक बन सकें।
मध्यप्रदेश को एक वैश्विक ज्ञान केन्द्र के रूप में स्थापित करना, जो समावेशी, समानतापूर्ण, भारतीय ज्ञान परंपरा युक्त और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली के माध्यम से, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, समालोचनात्मक सोच, रचनात्मकता और आजीवन सीखने को बढ़ावा दे।
शिक्षकों का सशक्तिकरण: कुशल और प्रेरित शिक्षक कार्यबल का विकास करना।
बुनियादी ढांचे का निर्माण: सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण विद्यालय एवं सुविधाएं प्रदान करना।
विद्यालय को ज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में विकसित करना जो न्यायसंगत शिक्षा प्रदान करते हैं
सर्वसुलभता सुनिश्चित करना: सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना।
शिक्षण-अधिगम में वृद्धि: शिक्षण-अधिगम की गुणवत्ता और परिणामों में सुधार करना।
समतामूलक शिक्षा: शैक्षिक अंतराल को कम करके समावेशन सुनिश्चित करना।
प्रभावी शासन: शिक्षा प्रणाली के प्रबंधन को मजबूत करना।
प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना: श्रेष्ठ शिक्षण और अधिगम के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।
कौशल आधारित शिक्षा: छात्रों को कार्यबल के लिए तैयार करना, 21वीं सदी के कौशल का विकास करना।
सर्वोतोमुखी विकास: पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना।